लोकप्रिय पोस्ट

मंगलवार, 17 सितंबर 2019

पितृ दोष के लक्षण,कारण एवं निवारण हेतु उपाय


जय माता दी।                             
जानिए पितृ दोष के लक्षण,कारण एवं निवारण हेतु उपाय
➿⚜️➿⚜️➿⚜️➿⚜️➿⚜️➿⚜️➿⚜️➿
प्रिय पाठकों/मित्रों, हम सभी की जिज्ञासा होती है आखिर ये पितृदोष है क्या?
पितृ -दोष शांति के सरल उपाय पितृ या पितृ गण कौन हैं ?
आप सभी की जिज्ञासा को शांत करने के लिए  प्रस्तत हैं मेरा विनम्र प्रयास---
प्रिय पाठकों व मित्रों,  पितृ गण हमारे पूर्वज हैं जिनका ऋण हमारे ऊपर है ,क्योंकि उन्होंने कोई ना कोई उपकार हमारे जीवन के लिए किया है मनुष्य लोक से ऊपर पितृ लोक है,पितृ लोक के ऊपर सूर्य लोक है एवं इस से भी ऊपर स्वर्ग लोक है।
आत्मा जब अपने शरीर को त्याग कर सबसे पहले ऊपर उठती है तो वह पितृ लोक में जाती है ,वहाँ हमारे पूर्वज मिलते हैं अगर उस आत्मा के अच्छे पुण्य हैं तो ये हमारे पूर्वज भी उसको प्रणाम कर अपने को धन्य मानते हैं की इस अमुक आत्मा ने हमारे कुल में जन्म लेकर हमें धन्य किया इसके आगे आत्मा अपने पुण्य के आधार पर सूर्य लोक की तरफ बढती है।
वहाँ से आगे ,यदि और अधिक पुण्य हैं, तो आत्मा सूर्य लोक को भेज कर स्वर्ग लोक की तरफ चली जाती है,लेकिन करोड़ों में एक आध आत्मा ही ऐसी होती है ,जो परमात्मा में समाहित होती है  जिसे दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता  मनुष्य लोक एवं पितृ लोक में बहुत सारी आत्माएं पुनः अपनी इच्छा वश ,मोह वश अपने कुल में जन्म लेती हैं।
पितृ दोष क्या होता है
➿➿➿➿➿➿
प्रिय पाठकों/मित्रों,  हमारे ये ही पूर्वज सूक्ष्म व्यापक शरीर से अपने परिवार को जब देखते हैं ,और महसूस करते हैं कि हमारे परिवार के लोग ना तो हमारे प्रति श्रद्धा रखते हैं और न ही इन्हें कोई प्यार या स्नेह है और ना ही किसी भी अवसर पर ये हमको याद करते हैं,ना ही अपने ऋण चुकाने का प्रयास ही करते हैं तो ये आत्माएं दुखी होकर अपने वंशजों को श्राप दे देती हैं,जिसे "पितृ- दोष" कहा जाता है।
पितृ दोष एक अदृश्य बाधा है .ये बाधा पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है पितरों के रुष्ट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं ,आपके आचरण से,किसी परिजन द्वारा की गयी गलती से ,श्राद्ध आदि कर्म ना करने से ,अंत्येष्टि कर्म आदि में हुई किसी त्रुटि के कारण भी हो सकता है।
इसके अलावा मानसिक अवसाद,व्यापार में नुक्सान ,परिश्रम के अनुसार फल न मिलना ,वैवाहिक जीवन में समस्याएं.,कैरिअर में समस्याएं या संक्षिप्त में कहें तो जीवन के हर क्षेत्र में व्यक्ति और उसके परिवार को बाधाओं का सामना करना पड़ता है पितृ दोष होने पर अनुकूल ग्रहों की स्थिति ,गोचर ,दशाएं होने पर भी शुभ फल नहीं मिल पाते,कितना भी पूजा पाठ ,देवी ,देवताओं की अर्चना की जाए ,उसका शुभ फल नहीं मिल पाता।
प्रिय पाठकों व मित्रों, पितृ दोष दो प्रकार से प्रभावित करता है---
१.अधोगति .वाले पितरों के कारण
२.उर्ध्वगति वाले पितरों के कारण
अधोगति वाले पितरों के दोषों का मुख्य कारण परिजनों द्वारा किया गया गलत आचरण,की अतृप्त इच्छाएं ,जायदाद के प्रति मोह और उसका गलत लोगों द्वारा उपभोग होने पर,विवाहादिमें परिजनों द्वारा गलत निर्णय .परिवार के किसी प्रियजन को अकारण कष्ट देने पर पितर क्रुद्ध हो जाते हैं ,परिवार जनों को श्राप दे देते हैं और अपनी शक्ति से नकारात्मक फल प्रदान करते हैं।
उर्ध्व गति वाले पितर सामान्यतः पितृदोष उत्पन्न नहीं करते ,परन्तु उनका किसी भी रूप में अपमान होने पर अथवा परिवार के पारंपरिक रीति-रिवाजों का निर्वहन नहीं करने पर वह पितृदोष उत्पन्न करते हैं।
इनके द्वारा उत्पन्न पितृदोष से व्यक्ति की भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति बिलकुल बाधित हो जाती है ,फिर चाहे कितने भी प्रयास क्यों ना किये जाएँ ,कितने भी पूजा पाठ क्यों ना किये जाएँ,उनका कोई भी कार्य ये पितृदोष सफल नहीं होने देता। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की पितृ दोष निवारण के लिए सबसे पहले ये जानना ज़रूरी होता है कि किस गृह के कारण और किस प्रकार का पितृ दोष उत्पन्न हो रहा है ?
जन्म पत्रिका और पितृ दोष जन्म पत्रिका में लग्न ,पंचम ,अष्टम और द्वादश भाव से पितृदोष का विचार किया जाता है। पितृ दोष में ग्रहों में मुख्य रूप से सूर्य ,चन्द्रमा ,गुरु ,शनि ,और राहू -केतु की स्थितियों से पितृ दोष का विचार किया जाता है।
इनमें से भी गुरु ,शनि और राहु की भूमिका प्रत्येक पितृ दोष में महत्वपूर्ण होती है इनमें सूर्य से पिता या पितामह , चन्द्रमा से माता या मातामह ,मंगल से भ्राता या भगिनी और शुक्र से पत्नी का विचार किया जाता है।
अधिकाँश लोगों की जन्म पत्रिका में मुख्य रूप से क्योंकि गुरु ,शनि और राहु से पीड़ित होने पर ही पितृ दोष उत्पन्न होता है ,इसलिए विभिन्न उपायों को करने के साथ साथ व्यक्ति यदि पंचमुखी ,सातमुखी और आठ मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर ले , तो पितृ दोष का निवारण शीघ्र हो जाता है।
पितृ दोष निवारण के लिए इन रुद्राक्षों को धारण करने के अतिरिक्त इन ग्रहों के अन्य उपाय जैसे मंत्र जप और स्तोत्रों का पाठ करना भी श्रेष्ठ होता है।
जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री से विभिन्न ऋण और पितृ दोष--
➿➿➿➿➿➿
प्रिय पाठकों व मित्रों,  हमारे ऊपर मुख्य रूप से ५ ऋण होते हैं जिनका कर्म न करने(ऋण न चुकाने पर ) हमें निश्चित रूप से श्राप मिलता है ,ये ऋण हैं : मातृ ऋण ,पितृ ऋण ,मनुष्य ऋण ,देव ऋण और ऋषि ऋण।
मातृ ऋण👉  माता एवं माता पक्ष के सभी लोग जिनमें माँ,मामी ,नाना ,नानी ,मौसा ,मौसी और इनके तीन पीढ़ी के पूर्वज होते हैं ,क्योंकि माँ का स्थान परमात्मा से भी ऊंचा माना गया है अतः यदि माता के प्रति कोई गलत शब्द बोलता है ,अथवा माता के पक्ष को कोई कष्ट देता रहता है,तो इसके फलस्वरूप उसको नाना प्रकार के कष्ट भोगने पड़ते हैं | इतना ही नहीं ,इसके बाद भी कलह और कष्टों का दौर भी परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलता ही रहता है |
पितृ ऋण👉  पिता पक्ष के लोगों जैसे बाबा ,ताऊ ,चाचा, दादा-दादी और इसके पूर्व की तीन पीढ़ी का श्राप हमारे जीवन को प्रभावित करता है पिता हमें आकाश की तरह छत्रछाया देता है,हमारा जिंदगी भर पालन -पोषण करता है ,और अंतिम समय तक हमारे सारे दुखों को खुद झेलता रहता है।
पर आज के के इस भौतिक युग में पिता का सम्मान क्या नयी पीढ़ी कर रही है ? पितृ -भक्ति करना मनुष्य का धर्म है ,इस धर्म का पालन न करने पर उनका श्राप नयी पीढ़ी को झेलना ही पड़ता है ,इसमें घर में आर्थिक अभाव,दरिद्रता ,संतानहीनता ,संतान को विबिन्न प्रकार के कष्ट आना या संतान अपंग रह जाने से जीवन भर कष्ट की प्राप्ति आदि।
देव ऋण👉 माता-पिता प्रथम देवता हैं,जिसके कारण भगवान गणेश महान बने |इसके बाद हमारे इष्ट भगवान शंकर जी ,दुर्गा माँ ,भगवान विष्णु आदि आते हैं ,जिनको हमारा कुल मानता आ रहा है ,हमारे पूर्वज भी भी अपने अपने कुल देवताओं को मानते थे | नयी पीढ़ी ने बिलकुल छोड़ दिया है इसी कारण भगवान /कुलदेवी /कुलदेवता उन्हें नाना प्रकार के कष्ट /श्राप देकर उन्हें अपनी उपस्थिति का आभास कराते हैं।
ऋषि ऋण👉 जिस ऋषि के गोत्र में पैदा हुए ,वंश वृद्धि की ,उन ऋषियों का नाम अपने नाम के साथ जोड़ने में नयी पीढ़ी कतराती है ,उनके ऋषि तर्पण आदि नहीं करती है  इस कारण उनके घरों में कोई मांगलिक कार्य नहीं होते हैं,इसलिए उनका श्राप पीडी दर पीढ़ी प्राप्त होता रहता है।
मनुष्य ऋण👉  माता -पिता के अतिरिक्त जिन अन्य मनुष्यों ने हमें प्यार दिया ,दुलार दिया ,हमारा ख्याल रखा ,समय समय पर मदद की गाय आदि पशुओं का दूध पिया जिन अनेक मनुष्यों ,पशुओं ,पक्षियों ने हमारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद की ,उनका ऋण भी हमारे ऊपर हो गया।
लेकिन लोग आजकल गरीब ,बेबस ,लाचार लोगों की धन संपत्ति हरण करके अपने को ज्यादा गौरवान्वित महसूस करते हैं|  इसी कारण देखने में आया है कि ऐसे लोगों का पूरा परिवार जीवन भर नहीं बस पाता है,वंश हीनता ,संतानों का गलत संगति में पड़ जाना,परिवार के सदस्यों का आपस में सामंजस्य न बन पाना ,परिवार कि सदस्यों का किसी असाध्य रोग से ग्रस्त रहना इत्यादि दोष उस परिवार में उत्पन्न हो जाते हैं।
ऐसे परिवार को पितृ दोष युक्त या शापित परिवार कहा जाता है रामायण में श्रवण कुमार के माता -पिता के श्राप के कारण दशरथ के परिवार को हमेशा कष्ट झेलना पड़ा,ये जग -ज़ाहिर है इसलिए परिवार कि सर्वोन्नती के पितृ दोषों का निवारण करना बहुत आवश्यक है।
जानिए ज्योतिषाचार्य पंडित कृष्णा जोशी से पितृ-दोष कि शांति के सरल और प्रभावी उपाय ---
〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️
१👉 सामान्य उपायों में षोडश पिंड दान ,सर्प पूजा ,ब्राह्मण को गौ -दान ,कन्या -दान,कुआं ,बावड़ी ,तालाब आदि बनवाना ,मंदिर प्रांगण में पीपल ,बड़(बरगद) आदि देव वृक्ष लगवाना एवं विष्णु मन्त्रों का जाप आदि करना ,प्रेत श्राप को दूर करने के लिए श्रीमद्द्भागवत का पाठ करना चाहिए।
२👉 वेदों और पुराणों में पितरों की संतुष्टि के लिए मंत्र ,स्तोत्र एवं सूक्तों का वर्णन है जिसके नित्य पठन से किसी भी प्रकार की पितृ बाधा क्यों ना हो ,शांत हो जाती है  अगर नित्य पठन संभवना हो , तो कम से कम प्रत्येक माह की अमावस्या और आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या अर्थात पितृपक्ष में अवश्य करना चाहिए। वैसे तो कुंडली में किस प्रकार का पितृ दोष है उस पितृ दोष के प्रकार के हिसाब से पितृदोष शांति करवाना अच्छा होता है।
३👉 भगवान भोलेनाथ की तस्वीर या प्रतिमा के समक्ष बैठ कर या घर में ही भगवान भोलेनाथ का ध्यान कर निम्न मंत्र की एक माला नित्य जाप करने से समस्त प्रकार के पितृ- दोष संकट बाधा आदि शांत होकर शुभत्व की प्राप्ति होती है |मंत्र जाप प्रातः या सायंकाल कभी भी कर सकते हैं :
मंत्र : "ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।
४👉 अमावस्या को पितरों के निमित्त पवित्रता पूर्वक बनाया गया भोजन तथा चावल बूरा ,घी एवं एक रोटी गाय को खिलाने से पितृ दोष शांत होता है।
५👉 अपने माता -पिता ,बुजुर्गों का सम्मान,सभी स्त्री कुल का आदर /सम्मान करने और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करते रहने से पितर हमेशा प्रसन्न रहते हैं।
६👉 पितृ दोष जनित संतान कष्ट को दूर करने के लिए "हरिवंश पुराण " का श्रवण करें या स्वयं नियमित रूप से पाठ करें।
७👉  प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती या सुन्दर काण्ड का पाठ करने से भी इस दोष में कमी आती है।
८👉 सूर्य पिता है अतः ताम्बे के लोटे में जल भर कर ,उसमें लाल फूल ,लाल चन्दन का चूरा ,रोली आदि डाल कर सूर्य देव को अर्घ्य देकर ११ बार "ॐ घृणि सूर्याय नमः " मंत्र का जाप करने से पितरों की प्रसन्नता एवं उनकी ऊर्ध्व गति होती है।
९👉 अमावस्या वाले दिन अवश्य अपने पूर्वजों के नाम दुग्ध ,चीनी ,सफ़ेद कपडा ,दक्षिणा आदि किसी मंदिर में अथवा किसी योग्य ब्राह्मण को दान करना चाहिए।
१०👉 पितृ पक्ष में पीपल की परिक्रमा अवश्य करें अगर १०८ परिक्रमा लगाई जाएँ ,तो पितृ दोष अवश्य दूर होगा।
अब जानिए कुछ विशिष्ट उपाय :--
➿➿⚜️➿➿⚜️➿➿
१👉 किसी मंदिर के परिसर में पीपल अथवा बड़ का वृक्ष लगाएं और रोज़ उसमें जल डालें ,उसकी देख -भाल करें ,जैसे-जैसे वृक्ष फलता -फूलता जाएगा,पितृ -दोष दूर होता जाएगा,क्योकि इन वृक्षों पर ही सारे देवी -देवता ,इतर -योनियाँ ,पितर आदि निवास करते हैं।
२👉 यदि आपने किसी का हक छीना है,या किसी मजबूर व्यक्ति की धन संपत्ति का हरण किया है,तो उसका हक या संपत्ति उसको अवश्य लौटा दें।
३👉 पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी एक अमावस्या से लेकर दूसरी अमावस्या तक अर्थात एक माह तक किसी पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्योदय काल में एक शुद्ध घी का दीपक लगाना चाहिए,ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।
एक माह बीतने पर जो अमावस्या आये उस दिन एक प्रयोग और करें |
➿➿➿➿➰➿➿➿➿➰➿➿➿➿
इसके लिए किसी देसी गाय या दूध देने वाली गाय का थोडा सा गौ -मूत्र प्राप्त करें उसे थोड़े  जल में मिलाकर इस जल को पीपल वृक्ष की जड़ों में डाल दें इसके बाद पीपल वृक्ष के नीचे ५ अगरबत्ती ,एक नारियल और शुद्ध घी का दीपक लगाकर अपने पूर्वजों से श्रद्धा पूर्वक अपने कल्याण की कामना करें,और घर आकर उसी दिन दोपहर में कुछ गरीबों को भोजन करा दें ऐसा करने पर पितृ दोष शांत हो जायेगा।
४👉 घर में कुआं हो या पीने का पानी रखने की जगह हो ,उस जगह की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें,क्योंके ये पितृ स्थान माना जाता है  इसके अलावा पशुओं के लिए पीने का पानी भरवाने तथा प्याऊ लगवाने अथवा आवारा कुत्तों को जलेबी खिलाने से भी पितृ दोष शांत होता है।
५ 👉  अगर पितृ दोष के कारण अत्यधिक परेशानी हो,संतान हानि हो या संतान को कष्ट हो तो किसी शुभ समय अपने पितरों को प्रणाम कर उनसे प्रण होने की प्रार्थना करें और अपने द्वारा जाने-अनजाने में किये गए अपराध / उपेक्षा के लिए क्षमा याचना करें ,फिर घर अथवा शिवालय में पितृ गायत्री मंत्र का सवा लाख विधि से जाप कराएं जाप के उपरांत दशांश हवन के बाद संकल्प ले की इसका पूर्ण फल पितरों को प्राप्त हो ऐसा करने से पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं ,क्योंके उनकी मुक्ति का मार्ग आपने प्रशस्त किया होता है।
६👉 पितृ दोष की शांति हेतु ये उपाय बहुत ही अनुभूत और अचूक फल देने वाला देखा गया है,वोह ये कि- किसी गरीब की कन्या के विवाह में गुप्त रूप से अथवा प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहयोग करना |(लेकिन ये सहयोग पूरे दिल से होना चाहिए ,केवल दिखावे या अपनी बढ़ाई कराने के लिए नहीं )|इस से पितर अत्यंत प्रसन्न होते हैं ,क्योंकि इसके परिणाम स्वरुप मिलने वाले पुण्य फल से पितरों को बल और तेज़ मिलता है ,जिस से वह ऊर्ध्व लोकों की ओरगति करते हुए पुण्य लोकों को प्राप्त होते हैं.|
७👉 अगर किसी विशेष कामना को लेकर किसी परिजन की आत्मा पितृ दोष उत्पन्न करती है तो तो ऐसी स्थिति में मोह को त्याग कर उसकी सदगति के लिए "गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र " का पाठ करना चाहिए।
८👉 पितृ दोष दूर करने का अत्यंत सरल उपाय :  इसके लिए सम्बंधित व्यक्ति को अपने घर के वायव्य कोण (N -W )में नित्य सरसों का तेल में बराबर मात्रा में अगर का तेल मिलाकर दीपक पूरे पितृ पक्ष में नित्य लगाना चाहिए दिया पीतल का हो तो ज्यादा अच्छा है ।
यह दीपक कम से कम 10 मिनट नित्य जलना आवश्यक है।
।।शुभम भवतु।।
।।कल्याण हो।।
"जय माता दी"
"जय श्री कृष्णा"
⛳ ज्योतिषाचार्य व तांत्रिक पंडित कृष्णा जोशी, राजस्थान 🙏🏻⛳

मंगलवार, 2 जुलाई 2019

शराब छुड़ाने के उपाय


🙏शराब छुड़ाने के  उपाय 🙏

काफी समय से मांग थी कि पति के शराब की आदत से परेशान हैं, धन बरवाद होने के साथ  बच्चों का भविष्य और पति का स्वास्थ्य भी दांव पर लगा हुआ है, बहुत प्रयास कर चुके है.... 

प्रथम उपाय
किसी भी रविवार को एक शराब की बोतल लाए, यह उसी ब्रांड की होनी चाहिए जिसका आपके पति (या अन्य परिजन) प्रयोग करते हैं। इस बोतल को रविवार के ही दिन अपने निकट के किसी भी भैरव बाबा के मंदिर में चढ़ा दें और पुजारी को कुछ रूपए देकर उससे वह बोतल वापिस खरीद लें। पति के सोते समय अथवा जब वह नशे में हो, उस पूरी बोतल को उनके ऊपर 21 बार उसारते हुए "ॐ नमः भैरवाय" मंत्र का जाप करें। इसके बाद बोतल को शाम को किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे छोड़ आएं। इस उपाय से कुछ ही दिनों में शराबी की शराब पूरी तरह से छूट जाएगी।
दूसरा उपाय
यह भी पहले उपाय की ही तरह है परन्तु थोड़ा सा जटिल हैं इसमें आप एक शराब की बोतल खरीद कर लाएं और शराब के लती परिजन को सोते समय उन पर से 21 बार उसार लें। इसके बाद एक अन्य बोतल में आठ सौ ग्राम सरसों का तेल लें और दोनों को आपस में मिला लें। दोनों बोतलों के ढक्कन बंद कर किसी ऐसे स्थान पर उल्टा गाढ़ दें जहां से पानी बहता हो ताकि दोनों बोतलों के ऊपर से जल लगातार बहता रहे। इस उपाय को करने के कुछ ही दिनों में व्यक्ति को शराब से घृणा हो जाती है। 
तीसरा उपाय
यदि कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा शराब पीता है तो उसकी पत्नी मंगल या शनिवार को चरखा चलाए।जो व्यक्ति जरूरत से ज्यादा शराब का सेवन करता है तो उसकी पत्नी अपने पैरों के बिच्छुए को पानी से धोकर तथा शराब की बोतल में से थोड़ी सी शराब लेकर उसमें अपने बिच्छुए डाल दे। त्रयोदशी या पूर्णमाशी के दिन वह शराब निकाल कर दूसरी किसी शराब की बोतल में डाल दें। ऐसा पांच मंगलवार या शनिवार करने से शराब पीने की लत छूट जाती है।जो जातक शराब का सेवन अधिक करता है तो उसके लिए सात पताशे लेकर प्रत्येक पताशे में सरसों के तेल की दो-चार बूंदे डालकर फिर बताशे को हाथ से मसलकर घर से बाहर कहीं दूर जाकर फेंक दें। ऐसा ११ दिन लगातार करने से शराब पीने की लत छूट जाती है।
  चौथा उपाय
जब शराब पीने की इच्छा हो तब किशमिश का १-१ दाना मुंह में डालकर चूसें किशमिश का शरबत पीने से भी दिमाग को ताकत मिलेगी और धीरे-धीरे शराब छोड़ने की क्षमता आ जायेगी l 
 पांचवा उपाय
सोने-चांदी का काम करने वाले सोनारों के पास से शुद्ध गंधक का तेज़ाब यानि कि सल्फ़्युरिक एसिड ले आइए और आप जो शराब पीने जा रहे हैं उसके बने हुए पैग में चार बूंद यह तेज़ाब डाल दीजिए और जैसे सेवन करते है वैसे ही पीजिए और आप देखेंगे कि धीरे-धीरे आपकी शराब पीने की इच्छा अपने आप ही कम होने लगी है । इसी क्रम में आप एक दिन खुद ही शराब के प्रति अरुचि महसूस करने लगेंगे और पीना अपने आप छूट जाएगा ,ध्यान रखिए कि आप और कोई उपाय न करें बस खाने पर ध्यान दें कि स्वास्थ्यवर्धक आहार लें ।
छठा उपाय
शिमला मिर्च(कैप्सिकम) जो कि मोटी-मोटी होती हैं व खाने में तीखी नहीं होती व सब्जी बनाने में प्रयोग करी जाती हैं ,ले लीजिए और उनका जूसर से रस निकाल लीजिए व इस रस का सेवन दिन में दो बार आधा कप नाश्ते या भोजन के बाद करें । आप चमत्कारिक रूप से पाएंगे कि आपकी शराब की तलब अपने आप घटने लगी है और एक दिन आप खुद ही पीने से इंकार कर देते हैं चाहे कोई कितना भी दबाव क्यों न डाले ।
  सातवां उपाय
जंगली कौवे के पंख को पानी में हिलाकर शराबी को पंख वाला पानी दिन पिलाने से भी शराबी शराब छोड़ देता है।..........................................🙏श्रद्धा विश्वास से कीजिए 🙏

श्री कालिका ज्योतिष केंद्र
9462012134

रविवार, 30 जून 2019

गुप्त नवरात्रि का रहस्य.......




गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास शुकल पक्ष से प्रारंभ हो रहे हैं 
3 जुलाई 2019 से प्रारंभ हो रहे है 

गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां: गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।

भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होते हैं तब देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं। उस समय पृथ्वी पर रुद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है इन विपत्तियों से बचाव के लिए गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना की जाती है।

क्या अंतर है सामान्य और गुप्त नवरात्रि में?

- सामान्य नवरात्रि में आमतौर पर सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती है.

- वहीं गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है.

- गुप्त नवरात्रि में आमतौर पर ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं किया जाता, अपनी साधना को गोपनीय रखा जाता है .

- गुप्त नवरात्रि में किसी विशेष  पूजा  और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होगी, सफलता उतनी ही ज्यादा ओर जल्दी  मिलेगी

 गुप्त  नवरात्रि में करें सिर्फ ये कार्य, आपके सभी मनोरथ होंगे पूर्ण- गुप्त नवरात्र में  अनेक शुभ योग है  

  व्यापार में आ रही बार बार   बाधाएँ  ओर विफलता को कैसे करे दुर........   

किसी ने व्यापारिक स्थान को बंधवा दिया या किसी प्रकार की भुत प्रेत बाधा दोष या नजर टोना टोटका सभी प्रकार के बधंन से मुकित के लिए गुप्त नवरात्रि ऐसी प्रकार की बाधाएँ को दुर करने के लिए कारग्रर उपाय कयोक गुप्त नवरात्रि ये गुप्त रखे जाते है 
गुप्त नवरात्रि में व्यापारिक स्थान पर माँ  दुर्गा सप्तशती का बीज मत्रं या वैदिक मत्रं 
 सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम् 

 से संपुटित पाठ करवाऐ या हर रोज। पुरे गुप्त नवरात्रि  माँ भगवती के बीज मत्रं या उपर दिये मत्रं  की 11 माला से हवन करे या करवाऐ हवन शाम के समय या रात्रि में करवाऐं  हवन के लिए साम्राज्ञी के लिए विशेष वशतु का प्रयोग करें ओर पुरे नवरात्रि होने के बाद 9  कन्या  को भोजन करवाऐ ओर दक्षिण दे व्यापार में दिन दुगनी रात चौगनी तरकी ये एक सटीक ऊपाय है कयोंकि गुप्त नवरात्रि का गुप्त रहसय है जो सफल अवशय मिलेगी 

व्यापार वृद्धि के लिए उपाय - 5 सफ़ेद कोडी 5 हलदी की गाठ 2 सुपारी और कुछ पैसे लाल कपड़े में बांध कर नवरात्रि मे माँ भगवती से अपनी मनोकामना बोलकर व्यापार स्थान के मंदिर में रखे हर रोज नवरात्रि मे पुजा करे ऊसके बाद नवमी वाले दिन रवि पुष्य व सर्वार्थ सिद्धि योग है उस अपने तिजोरी में रखे अवश्य व्यापार में दिन दुगनी रात चोगनी तरकि होगी सनातन धर्म के अनुसार साल में चार बार नवरात्र आते हैं दो बार गुप्त ओर दो खुले 

नौकरी से संबंधी उपाय -यदि नौकरी 
या परमोसन संबंधित कार्य में कोई अड़चनें आ रही है तो नवरात्रि मे पहले माता को भोग लगाऐ फिर 9 साल से छोटी कन्या को पुरे नवरात्रि में मिठाई, चॉकलेट बांटे और काले कुते दूध पिलाऐ और भरो बाबा और हनूमान जी का भी मंदिर जाकर आशीर्वाद ले प्रसाद बाँटे आपकी नौकरी समंबधित परेशानी अवश्य दुर होगी

विवाद में आ रही अड़चनें और बाधाएं कैसे करे दूर  गुप्त नवरात्र में करें उपाय
  लड़की के विवाह में आ रही बाधाएँ के लिए पुरे नवरात्र लड़की को माँ गौरी का पूजन करना चाहिए और माँ को लाल चुनरी सहित 16 श्रृंगार अर्पण करे या फिर पति प्राप्ति के लिये मन्त्र-
कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ! 
नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:। 
मत्रं से दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राहमण से करवाऐ माता से प्रार्थना करें हे माँ मै आपकी शरण में आ गयी मुझे शीघ्र अति शीघ्र सौभाग्य की प्राप्ति हो और मेरी मनोकामना शीघ्र पुरी हो  माँ भगवती कि कृपा से अवश्य सफलता प्राप्त होगी 

ईसी प्रकार लड़के के विवाह में आ रही बाधाएँ दूर करने के उपाय ➗ लड़के ने नवरात्र के समय माँ दुर्गा का सोढस उपचार पूजन करे और पुजा में मिठाई पेडा और फल में माता को अनार अर्पण करे या फिर पत्नी प्राप्ति के मत्रं 
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्। 
तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥
से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राह्मण से करवाऐ आपकी मनोकामना शीघ्र पूरी होगी

राजनीति या कोर्ट के मुकदमा  में सफलता के लिए  गुप्त नवरात्रि में -कया करे उपाय ➗ राजनीति करने वाले के लिए ईस बार गुप्त  नवरात्रि में  है राजनीति करने माँ भगवती के तीनों रूप व माँ पितामबरा (बगला मुखी) पुजा पुरे नवरात्रि को रात के समय करनी चाहिए विजय प्राप्ति के लिए माँ भगवती विजय प्राप्ति मत्रं से दुर्गा सप्तशती से संपुटित सतचंडी पाठ व माँ पीताम्बरा का सवा लक्ष जप रात के समय करवाये और माँ भगवती को मिठाई, फल,पंचमेवा भोग लगाऐ पुजा के समय विजय प्राप्ति यत्रं व माँ बगला मुखी यत्रं अवश्य रखे और हर रोज नवरात्रि में 9 कन्या को जो 9 साल से छोटी हो फल मिठाई व दक्षिणा देवे और कन्याओ के पावं छु कर आशीर्वाद लेवे राजनीति ओर कोर्ट के मुकदमा  में सफलता अवशय प्राप्त होगी 

 शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए उपाय........ 
 सर्वबाधा शांति के लिएः सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम् ईस मत्रं का दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ करवाऐ  या ईस मत्रं की 11 माला जाप हर रोज करे बाद में दशांश हवन करे  ओर मा भगवती को पेडा का भोग लगाऐ 
भय नाशक दुर्गा मंत्रः -सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते, भयेभ्यास्त्रहिनो देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते हर रोज  11 माला जप माता को अनार, ओर पेडा का भोग लगाऐ  दशांश हवन करे सभ प्रकार की भय बाधा दुर होगी 

बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिएः सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः। मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय ! इस मंत्र से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ करवाऐ सनंतान प्राप्ति रूका हुआ धन प्राप्ति के  लिए सबसे सटीक ऊपाय यह योगय ब्राह्मण से करवाऐ सफलता अवश्य प्राप्त होगी!
अधिक जानकारी के लिए फोन से संपर्क करे :-

घरेलू व व्यापारिक समस्याओं के लिए रविवार को समय लेकर ही मिले ।
माता रानी की कृपा  सभी भक्तो पर बनी रहे |
श्री कालिका ज्योतिष केंद्र
9462012134
Website:- kalikajyotish.blogspot.com

मंगलवार, 25 जून 2019

फ्री वालो की हकीकत


फ्री वालो की हकीकत 

आज आपको एक बात बताता हूं कोई एस्ट्रो या तांत्रिक जैसे ही कोई वशीकरण या कोई पोस्ट डालता है लंगर खाने वालों की आंखे चमक उठती है और पहुच जाते है तुरन्त उसके इनबॉक्स में गुरुदेव कुंडली देख दिजिये या मेरी पत्नी छोड़कर चली गई है उस पर वशीकरण करकर उसको वापस ले आये जब उनको बोलते है कि ससुलक देखते है फिर अपना रोना लेकर बेठ जाते है गुरुदेव आर्थिक स्थिति खराब है या सब कुछ खराब चल रहा है वशीकरण वाले का तो राग ही अलग ही गुरुदेव लाखो रु बर्बाद कर चुका हूं आप मेरा काम कर दीजिए आपको इससे ज्यादा दूंगा
अब में इनकी सच्चाई बताता हूं मैं लीजिये इनके किसी परिजन को हार्ट अटैक आ जाये या कई पुलिस केस हो जाये तो डॉक्टर के पास भी तो पैसे जमा कराते है जबकि मरीज की डॉक्टर कोई गारण्टी नही देता लिखवाकर ओर रखता है कि अगर मरीज मर गया तो अस्पताल और डॉक्टर की कोई जिम्मेदारी नही होगी लेकिन उस बाप को तो तुरंत लाखो रु दे देंगे पुलिस केस हो जाये तो थानेदार को रिश्वत में हजारों रु दें देंगे तब कहा जाती है इनकी आर्थिक स्थिति और एक बात ये व्यक्ति जीवन भर ही दुखी रहते है अगर किसी को उसकी मेहनत का मूल्य नही दे सकता उसको ईश्वर कैसे उसकी मेहनत का फल देगा फिर समूहों में रोना रोयेंगे हजारो उपाय किये कुछ नही हुआ होगा कैसे
अब आजाये अगर उपाय से उनको परिणाम मिल भी गया जैसे किसी को सन्तान नही हो रही हो उसको फ्री के उपाय से सन्तान हो जाये तो आगे जाकर वो सन्तान ऋणी सन्तान के रूप में होती है जैसे ही जवान हुआ बाप का सारा बैंक बैलेंस समाप्त करवा देगा बदनामी मुफ्त में मिलेगी वो अलग
देखो भाइयो में कभी भी निशुल्क नही देखता न बताता हूं जिसका कार्य करता हु छाती ठोककर करता हु में पूरा समय ज्योतिष और तन्त्र को ही दूंगा तो सवाल ही पैदा नही है निषुल्क बताने का
अब आ जाओ उन ज्योतिषियों ओर जो ये कहते है कि हम समाज सेवा करते है तो उनको मेरा प्रणाम ओर अनुरोध है समाज मे जाकर प्रेक्टिकल रूप से वो मदद करे जिस लड़की की शादी नही हो रही हो उसको उपाय बताने की बजाय उसके लिए लड़का ढूंढकर विवाह करवाये
कलयुग में समाज सेवा और वो भी ज्योतिष से गुरु की चीज मुफ्त में बाटोगे तो राहु कैसे बर्दास्त करेगा फिर गुरु और खराब होगा राहु तो वैसे ही सूर्य चन्द्र गुरु से खुन्नस रखता है
जो वाकई में ज्योतिषी होगा जोपूरा समय ज्योतिष की रिसर्च को देगा तो वो ही आपकी कुंडली अच्छे से बता सकेगा फिर अगर फ्री में बताएगा तो खायेगा क्या
हा कुछ ज्योतिर्विद है जो नोकरी में होते हुए बहुत अच्छे ज्योतिष का ज्ञान रखते है जो व्यक्तियों को बहुत अच्छे से समझाते है उनको चरण स्पर्श
ज्योतिष और तन्त्र को प्रोफेशनल रखने वाले बाजारू नही होते कलयुग के इंसान के फ्री में मदद करकर बदनामी मुफ्त में मिलेगी ज्योतिषी ये नॉट करे किंजो फ्री में बताते है उनको कभी न कभी किसी न किसी प्रकार से राहु से सबंधित बदनामी अवश्य मिलती है
तो भाई लोग में तो पैसे लेकर काम करता हु हा जिसको कार्य हो आकर मिलो फेस टू फेस मिलो मेरा स्थान देखो जगह देखो ढंग का लगु तो पैसे दो अन्यथा जय माता दी लेकिन इनबॉक्स में आकर ज्ञान प्रदान न करे कि सेवा करो या मदद करो
लंगर में खाने वालों को दूसरे के धन पर नजर रखने वालों को ये पोस्ट बहुत बुरी लगेगी ओर लगे भी क्यों नही आखिर स्वभाव कहा जायेगा
उनके लिए मेरा यर कहना है कि पोस्ट देखकर तिलमिलाकर कमेंट करने की बजाय 5 सल्फास की गोली खाकर फ्रीज का ठंडा पानी पीकर आराम से सो जाएं
स्टाम्प लिखकर दे रहा हु सारी समस्याएं समाप्त केवल 5 सल्फास के खर्च में जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाएगी
मेरा सभी से अनुरोध है कि कभी किसी एस्ट्रो से फ्री में नही पूछे भले ही 51 रु दो भले ही वो 1 लॉख रु तनख्वाह पाने वाला इंसान हो लेकिन कभी निशुल्क मत पूछो फिर देखो उपाय कैसे असर करते है 
जय महाकाल 
जय माता दी
जय शमशान भैरव

पन्ना 💎रत्न के बारे में






आइये जानते है पन्ना रत्न के बारे में 

पन्ना, बुध का रत्न है और बुध कन्या राशि का स्वामी है। कन्या राशि के जातकों को पन्ना रत्न पहनने से बहुत लाभ मिलता है।

🚛डिलीवरी: 3-4 दिनों में 

🆓मुफ़्त शिपिंग: पूरे 🇮🇳भारत में
☎️फ़ोन पर ख़रीदें: +91 9462012134
📲Order on Whatsapp: +91 9462012134
अभिमंत्रित: फ्री अभिमन्त्रण ज्योतिषाचार्य व तांत्रिक कृष्णा द्वारा

💎रत्न: सब साइज में उपलब्ध
🥇सर्टिफिकेट: K.K. Gem Testing Lab जयपुर

पन्ना, बुध का रत्न है और बुध कन्या राशि का स्वामी है। कन्या राशि के जातकों को पन्ना रत्न पहनने से बहुत लाभ मिलता है।

कन्या राशि के लोगों के जीवन के कष्टों को पन्ना रत्न से दूर किया जा सकता है। यह रत्न विद्वता, वाद-विवाद करने की क्षमता देता है।

💎पन्ना रत्न के लाभ
पढ़ाई में कमज़ोर बच्चों और छात्रों को पन्ना रत्न धारण करने से लाभ होता है। इससे उनकी एकाग्रता बढ़ती है।
गणित और कॉमर्स से संबंधित शिक्षा प्रदान करने वाले अध्यापकों के लिए पन्ना रत्न धारण करने से लाभ होता है।
अगर आपके घर में किसी सदस्य को कोई पुराना रोग हो तो उस जातक को पन्ना रत्न धारण करने से उस रोग से मुक्ति मिल सकती है। ये रत्न आपको उत्तम स्वास्‍थ्‍य प्रदान करता है।
कहते हैं जिस घर में पन्ना होता है वहां अन्न-धन की कभी कमी नहीं होती। इसके प्रभाव से आंखों की रोशनी तेज होती है।
यह रत्न व्यापार में धन लाभ प्राप्त करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है।
कौन करे धारण 
कन्‍या राशि के जातक इस अभिमंत्रित पन्‍ना रत्न की अंगूठी को धारण कर सकते हैं।

कौन होते हैं 🙍कन्‍या राशि के जातक 
आपका नाम टो, पा, पी, पू , ष, ण, ठ, पे, पो में से किसी एक अक्षर से शुरू होता हो तो आपकी राशि कन्‍या है।

हमसे क्‍यों लें 
इस रत्न को ज्योतिषाचार्य व तांत्रिक कृष्णा जोशी ने बुध के मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित किया है जिससे यह आपको जल्‍द ही शुभ फल दे। इस रत्न के साथ🥇सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्‍न के 💯%ओरिजनल होने का प्रमाण है।

इस रत्न से संबंधित किसी अन्‍य जानकारी के लिए +91 9462012134 पर संपर्क करें और अपने लिए इस अंगूठी को मंगवाने में देर न करें।

💯%असली राशि रत्न💎लेब टेस्टेड🔬,रुद्राक्ष,📿माला,🔯यंत्र,
🛡️कवच,🐴घोड़े की नाल,🚩वास्तु सामग्री 
🥇☑️सर्टिफिकेट वस्तु उचित दर💰में उपलब्ध👍

💎रत्न को नकली साबित करने वाले को 💰51 हजार रुपए का नगद ईनाम 👍

🔱कालिका ज्योतिष केन्द्र🔱
📞संपर्क सूत्र:- 9462012134

🦅 *मोरपंख के गुण*🦅




 मोरपंख के गुण
🚩जय माता दी🚩
🕉चलिये मोरपंख के अद्भुत लाभों को जानते हैं जो शायद ही आप को पता हो..
🕉 जो व्यक्ति अपने घर में दो मोरपंख रखता हैं, उस परिवार में कभी फूट पैदा नहीं होती है
🦅घर में दो मोरपंख रखने से घर में लड़ाई - झगड़े नहीं होते हैं और परिवार साथ मिल ख़ुशी- ख़ुशी रहता है......
🕉. जो व्यक्ति अपने साथ हमेशा मोरपंख रखता हैं उसके साथ कभी कोई दुर्घटना नहीं होती है........
🦅 मोरपंख सदैव अपने पास रखने से आपका भाग्य प्रबल हो जाता हैं और किसी भी दुर्घटना का भाग नहीं बनते हो....
🕉. मोरपंख को घर में रखने से नकारात्मक उर्जा घर से बाहर निकल जाती हैं और सकारात्मक उर्जा घर के अन्दर आ जाती है... 🦅आप तो जानते ही हैं जिस घर में सकारात्मक उर्जा रहती हैं वहां लक्ष्मी जी जल्दी आती है..
🕉. यदि आप का बच्चा पढ़ाई में कमजोर हैं या उसका पढ़ाई लिखाई में मन नहीं लगता हैं तो आप उसके स्कूल बैग में एक मोरपंख रख दे.....
🦅ऐसा करने से आपके बच्चे का पढ़ाई में मन लगेगा और वो परीक्षा में अच्छे अंको से पास होगा...
🕉 जिन लोगो की राशि में राहू दोष होता हैं उन्हें अपनी जेब या डायरी में मोरपंख रखना चाहिये 🦅ऐसा करने से राहू दोष चला जाता हैं और आपके कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती हैं.
🕉. मोर का प्रिय भोजन सांप हैं. यहीं कारण हैं कि सांप मोर से डरता हैं. यदि आप को सांप से डर लगता हैं तो अपने पास एवं घर में एक मोर पंख जरूर रखे. ऐसा करने से सांप आपके या आपके घर के नजदीक नहीं आयेगा...
🦅आप चाहे तो मोर पंख को घर के बाहर भी लटका सकते हैं.
🕉 मोरपंख को सिर पर रखने से विद्या लाभ होता हैं. अर्थात जिन व्यक्ति की बुद्धि कमजोर होती हैं वो भी ज्ञानी बन जाते है......
🦅आप चाहे तो मोरपंख को अपनी टोपी पर लगा सकते हैं या घर में ही रोजाना कुछ घंटे सिर पर पहन सकते है.....
🕉 घर का मुख्यद्वार यदि वास्तु के अनुसार नहीं बना या लगा हैं तो उस द्वार पर तीन मोर पंख लगा दे
🦅इस मोर पंख के नीचे आप को भगवान श्री गणेश जी का चित्र भी लगाना होगा.
🦅 ऐसा करने से वास्तु दोष दूर हो जाता हैं और घर परिवार पर कोई भी मुसीबत या तकलीफ नहीं आती है...
🕉. यदि आपके जीवन में एक साथ दुखो का पहाड़ टूट पड़े और आप बहुत बड़ी मुसीबत में फंस जाए तो घर के कमरे या बेडरूम में मोर पंख लगाना चाहिये...
🦅इस बात का ध्यान रखे कि यह मोरपंख आप को कमरे के अग्नि कोण में ही लगाना होगा. ऐसा करने से सारी मुसीबतें धीरे धीरे दूर चली जाती है.....
🕉ये तो सभी जानते हैं कि पति पत्नी में अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं ऐसे में सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए शादी वाले एल्बम में एक मोरपंख लगा दे...
🦅ऐसा करने से पति पत्नी में झगड़े नहीं होंगे और प्रेम बढ़ेगा
🕉. मोरपंख को रात में अपने घर आँगन के बाहर रख दे ऐसा करने से नकारात्मक उर्जा का नाश होता हैं और घर में शान्ति बनी रहती है.....
🦅 यदि आप जीवन में सदैव सफल होना चाहते हैं तो अपने पास एक मोरपंख रखना शुरू कर दे....
इस मोरपंख से निकलने वाली पॉजीटिव एनर्जी आपको किसी भी काम में फेल नहीं होने देती है...
🕉. यदि आप रात को डरावने सपनो से परेशान रहते है तो अपने सिरहाने मोरपंख को रख कर सो जाये....
🦅ऐसा करने से डरावने सपने आना तो बंद होंगे ही साथ ही आपको अगली सुबह मनमोहक होगी...
🕉. मोरपंख को कभी भी जमीन पर ना फेंके इसे कृष्ण भगवान का अपमान माना जाता हैं ऐसा करने से आपके घर की तरक्की रुक जाती है....
🦅साथ ही इस बात का भी ध्यान रहे कि आप मोरपंख को कभी लात ना मारे वरना आपके साथ कोई अनर्थ हो सकता है...
🕉यदि कोई व्यक्ति आप को अपनी मर्जी से ख़ुशी - ख़ुशी मोरपंख देता हैं तो आप के जीवन की सफलता के सारे रास्ते खुल जाते है.....
🦅बस इस बात का ध्यान रखे कि आप को उनसे यह मोरपंख मुंह से नहीं माँगना है उन्हें ये आप को अपनी स्वेच्छा से देना होगा तभी आपको इसका लाभ मिलेगा
🕉. पुरानी मान्यताओं के अनुसार मोरपंख मोर के मरने, या उस से झड़ने के बाद भी सदा जीवत रहता है....
🦅यही कारण हैं कि इसका असर इतना प्रबलशाली होता है....
🕉 आप जब भी मोरपंख को खरीदते हैं तो उसे शुभ मुहर्त देख कर ही खरीदना चाहिये.....
🦅अशुभ मुहर्त पर ख़रीदा गया मोरपंख लाभ नहीं देता हैं...
🕉. घर के दक्षिण पूर्वी कोने में मोरपंख लगाने से घर में हमेशा बरकत बनी रहती है....
🦅 ऐसे घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती हैं.
🕉 आप जब भी कोई मोरपंख ख़रीदे तो इस बात का विशेष ध्यान रखे कि वह कहीं से भी टुटा ना हो ऐसा मोरपंख पास में रखना अशुभ माना जाता है... 🦅इसलिए हमेशा साबुत और सही हालत वाला मोरपंख लाये.
🕉. मोरपंख को घर में लाने के पूर्व श्रीकृष्ण भगवान का नाम जरूर ले.....
🦅 ऐसा करने से घर में सम्रद्धि आती हैं और सारे रुके कार्य भी समय पर पुरे हो जाते है.....
🕉. मोरपंख को घर की तिजोरी या पूजा स्थल वाली जगह पर रखने से घर में धन की कभी कमी नहीं होती हैं....
🦅 आप की तिजोरी हमेशा भरी रहती है....
🕉 मोरपंख को घी में डुबो कर पीपल के पेड़ पर बाँध देने से शत्रुओं का विनाश होता है
🦅यह उपाय करने से शत्रु आप पर कभी विजय प्राप्त नहीं कर पाता है.....
🕉 मोरपंख से बच्चे की नजर उतारने से वह कभी बीमार नहीं पड़ता हैं और ना ही किसी की बुरी नजर उसका कुछ बिगाड़ पाती हैं....
🕉 मोरपंख को किताब में रखने से उस किताब का पढ़ा याद रहता हैं.
🕉. मोरपंख को गंगाजल में डुबो कर घर में उस से छिड़काव करने से भूत- प्रेत दूर रहते है..
मोर पंख स्वयम से गिरा ही हनी पहोचा के कोई कार्य ना करे प्रकुती का समान करे तभी आप के कार्य हो पाएंगे।

SHREE KALIKA JYOTISH KENDRA



🕎🕉️🚩जय माता दी🚩🕉️🕎
 🔘
👁️👁️
 👅
☠️🚩जय शमशान भैरव👹🚩☠️

किसी भी बड़ी समस्या के समाधान के लिए 
🌞सुबह 🕙10:00 बजे से 🕒2:00 बजे तक व 
सांयकाल 🕕6:00 बजे से 🕘9:00 बजे तक
समय लेकर📞 सम्पर्क करे.👍 
📞 94620-12134

✍️ #ज्योतिष☠️ #तन्त्र🕉️ #मंत्र🔯 #यंत्र विद्या के द्वारा 
किसी भी समस्या का समाधान कर इनसे निजात पाया जा सकता है
जरुरत है सही तरीके से समाधान करने की
आप भी अपनी सभी परेशानियों से निजात पाकर अपना जीवन खुशियो से भरे😀😀😀

#हर तरफ से 😢निराश प्रेमी प्रेमिका अवश्य 📞सम्पर्क करें👍
नोट:- ⚛️जन्मकुंडली ✍️बनवाने के लिए संपर्क करे👍
💯%असली राशि रत्न💎लेब टेस्टेड🔬,रुद्राक्ष,📿माला,🔯यंत्र,
🛡️कवच,🐴घोड़े की नाल,🚩वास्तु सामग्री 
🥇☑️सर्टिफिकेट वस्तु उचित दर💰में उपलब्ध👍

💎रत्न को नकली साबित करने वाले को 💰51 हजार रुपए का नगद ईनाम 👍
🔱कालिका ज्योतिष केन्द्र🔱
📞संपर्क सूत्र:- 9462012134

लघु रुद्राभिषेक

लघु रुद्राभिषेक पूजा विधि                          लघु रूद्र पूजा (Rudrabhishek) का सामान्य सा अर्थ यही होता है कि शिव की ऐसी पूजा जो व्यक्त...