☠️👻🚩 कलुआ का अढैया मारण मन्त्र 🚩👻☠️
काला कलुवा कपाल घाती _________ फोड़े कलेजा तोड़ छाती धोवे पीवे घड़ा रक्त का लिए ढ़ईया घड़ियाँ का करके स्यापा ।।
यह शाबर मंत्र की अढैया श्रेणी का मन्त्र है । इस मन्त्र पर यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है - देखन में छोटे लगे घाव करे गंभीर ।
इस मन्त्र की सिद्धि 2 प्रकार से होती है । एक तो कलवे की सिद्धि करने के लिए और दूसरा तरीका मारण सिद्ध करने के लिए ।
दोनो के ही लिए अपनी रक्षा सुरक्षा की तगड़ी वेहवस्ता रखें । जो लोग तन्त्र में दीक्षित एवं परिपक्व नही है वो लोग सपने में भी यह करने का ना सोचे । करते है तो मैं पहले ही लिख कर दे सकता हूँ आपके शत्रु के मरने के अगले दिन ही आपके घर का एक बच्चा मर जायेगा । इसलिए अपने गुरु की देख रेख में करें गुरु भी ऐसा देखें जो निर्भीक एवं अनुभवी हो नही तो किसी इंटरनेटिया गुरु के चक्कर मे पड़ गए तो पता चले आप से पहले वो गूगल गुरु दौड़ लगा दे ।
इसकी सिद्धि के लिए किसी नीची जाति के बच्चे की कब्र खोजे । चौदस की रात्रि को वहां जाएं और उसके शव के ऊपर आसन लगाए इस साधना में दीपक ना लगाए केवल मसानी धूप का प्रयोग करें कोयले पर । आसान बांधे और दशदिग्बन्धन करें । गुरु मन्त्र का जाप करें गुरु स्मरण करें । यहां अपने जाप का उद्देश्य बोले कलवा सिद्धि का / अथवा मारण सिद्धि का ।
फिर १०१ जाप करें । यह प्रक्रिया ४१ दिन करें । जो कलवा सिद्धि करना चाहते है वो 41वे दिन बच्चे की उंगली काट कर अपने साथ घर ले आये ( घर से मतलब है एकांत स्थान । अपने पारिवारिक घर नही लाये । ) .
और फिर उस उंगली को अपने आसन के निचे रख कर मन्त्र का जाप शुरू करें वहां कलवा हाजिर होगा जो किसी भी रूप में हो सकता है या नही भी हो तो आपको उसकी आवाज आएगी । खूद पहले कुछ ना बोले उसके बात करने का इंतज़ार करें । वो जब उंगली मांगे तब त्रिवाचा भरवा ले ( यहां अपनी बुद्धि विवेक का प्रयोग करें एक गलत शब्द जीवन् बर्बाद कर सकता है ) उसकी ऐसी कोई शर्त ना माने जो आप हर समय पूरी ना कर पाएं । वचन लेने के बाद उससे एक निशानी लेलो और उंगली लौटा दो । वो निशानी को हाथ मे लेकर जो काम के लिए उसका स्मरण करोगे वो तुरंत सिद्ध करेगा ।
अब दूसरी विधि जो प्रत्यक्षीकरण ना कर के मारण हेतु सिद्ध करते है उनके लिए । मन्त्र सिद्धि के पश्चात । शनिचरी अमावस्या की दोपहर में 1 काली हांडी लें ।
उसमे लोहे के पुराने जंग लगे हुए टुकड़े डाले उसमे मांस और कारण डालें । हांडी पर शमशान की राख से शत्रु का नाम लिखें । हांडी को सामने रख कर 101 मन्त्र पढ़े फोड़ कालेज तोड़ छाती से पहले शत्रु का नाम लेकर । फिर शत्रु की दिशा में मुख करके मेरा अमुक शत्रु तत्क्षण यमलोक को जाए । और ऐसा बोल कर हांडी जमीन पर जोर से फेंक दें ।
इसके बाद अपनी और अपने घर वालो की सुरक्षा की वेहवस्ता का पूरा ध्यान दें । क्योंकि कलवा अपना काम पूरा करने के तुरंत बाद पलट कर आप पर वार करने आएगा । जो लोग कलवे को नियंत्रण कर सकते है वही यह प्रयोग करें ।
मैंने इसका प्रत्यक्षीकरण का विधान सिद्ध नही किया है । मारण प्रयोग हेतु सिद्ध किया था । साधना काल मे अच्चानक बहुत तेज दुर्गंध आने लगती है एवं नींद के बहुत तेज झोंके आते है । लेकिन जाप पूर्ण होने पर स्थिति सामान्य होजाती है । कभी कभी ऐसा महसूस होता है कोई उंगली पकड़ रहा है हाथों की पर इनपर ध्यान ना देते हुए अपने जाप पर ध्यान दो अन्यथा कलवे के कौतुक में फस जाओगे ।
साधना से होने वाली हानि के लिए हम् जिम्मेदारी नही लेते है ।
🚩🚩 जय श्री महाकाल 🚩🚩
🚩🚩जय ओगड़ नाथ 🚩🚩